हम लड़के हर काम में कमाल कर दें; जो वादा करें उसे पूरा हर हाल में कर दें; क्या जरुरत थी लड़कियों को लिपस्टिक लगाने की; हमसे कहें हम चूम-चूम के ही लाल कर दें!
हर लड़की तेरे लिए बेकरार है; हर लड़की को तेरा इंतज़ार है; ये तेरा कोई कमाल नहीं; . . . . . . . बस दो दिन बाद राखी का त्यौहार है।
इश्क़ की क्लास में एक कमाल हो गया; एक मैडम को पप्पू से प्यार हो गया; तभी से सारी क्लास का दिल उदास हो गया; सारे बच्चे फ़ेल और पप्पू पास हो गया।
नशे मे धुत एक शराबी ने रात के दो बजे एक मकान की घंटी बजाई। खिड़की खुली और उससे झांकते हुए एक महिला चिल्लाई: भाग यहां से, लफंगा कही का, यह तेरा घर नही है। शराबी बुदबुदाया: कमाल है! अंदाज़ तो हू-ब-हू मेरी बीबी जैसा ही है।
आज कल के बच्चे कमाल हैं कोई डांस में, कोई सिंगिंग में धूम मचा रहा है। हमारा बचपन तो छत पे चढ़ के एंटीना घुमा के चिल्लाने में बीत गया। अब साफ़ आया क्या?