पठान दुकान पर जा कर: 1 किलो भैंस का दूध दे दो! दुकानदार: तुम्हारा बर्तन छोटा है! पठान: अच्छा बकरी का दे दो!
भिखारी: मुझे खाने को कुछ मिल सकता है! पठान: कल का सालन खा लोगे? भिखारी: जी हाँ, बिल्कुल! पठान: अच्छा तो फिर कल आना!
एक दिन पठान अपनी बेगम के साथ घूमने जा रहा था! तभी एक लड़के ने आँख मारी! पठान: तुझे शर्म नहीं आती, मुझे आँख मारता है! लड़का: मैंने तुझे नहीं, तेरी बीवी को आँख मारी है! पठान: माफ़ करना यार, मैंने तुझे ऐसे ही ग़लत समझा!
मास्टर: अगर अपना चरित्र अच्छा करना है तो अपनी सभी टीचरों को अपनी अम्मी समझो। पठान का बेटा बोला, "लेकिन मास्टर जी, इससे तो हमारे अब्बू का चरित्र खराब हो जायेगा।
पठान: तुम्हें पता है मुझे दिव्य दृष्टि मिल गयी है। मुझे आँखें बंद कर के भी दिखाई देता है। सिंधी: अच्छा तो आँखें बंद करो और बताओ कि क्या दिख रहा है? पठान(आँखे बंद कर): अब चारों तरफ अँधेरा हो गया है।
पठान: मैंने कल एक सपना देखा। सिंधी: अच्छा क्या देखा सपने में? पठान: यार कुछ दिखाई ही नहीं दिया। सिंधी: क्यों? पठान: वो मेरी आँखें बंद थी न, इसलिए।