दिन रात मुझे मेसेज कर-कर के ऐसा कर दिया तुम लोगों ने मुझे ज़ालिम; . .. ... घर की घंटी भी बजने पर मोबाइल उठा लेती हूँ!
मुकद्दर में रात को नींद नहीं तो क्या; मुकद्दर में रात को नींद नहीं तो क्या; हम भी मुकद्दर को चूना लगाते हैं; और दिन में ही सो जाते हैं।
नज़र से नज़र मिला कर तो देखो; किसी को अपना बना कर तो देखो; मिलना चाहेंगे सब लोग आप से; . . . . . . . दिन में एक बार नहा कर तो देखो।
लोग कहते हैं कि अगर अच्छे लोगों को याद किया जाये तो वक़्त भी अच्छा गुज़रता है; इसलिए मैंने सोचा कि... . . . . . . . . आपको अपनी याद दिल दूँ।
जब से तुम्हें देखा है, मेरा रात को दिन को सुबह को शाम को सोते वक़्त जागते वक़्त बस हर वक़्त . . . . . . हँस-हँस के बुरा हाल है।
अगर किसी को भी मेरे मैसेज से शिकायत है या अच्छे नही लगते तो आपको पूरा हक है कि अपने... . . . . . . मोबाईल को अपने नज़दीकी दीवार पर ज़ोर से मारकर तोड़ दें। क्योंकि आपकी खुशी से बढ़कर और कुछ नही है मेरे लिए।