संता ने पप्पू को फ़ोन किया संता: कहाँ हो बेटे? पप्पू: हॉस्टल में पढ़ रहा हूँ परीक्षा बहुत नजदीक है इसलिए बहुत पढ़ना पड़ता है। आप कहाँ हो? संता: ठेके पे... तेरे पीछे लाइन में आखिर में खड़ा हूँ। एक हाफ मेरा भी ले लेना ठेका बंद होने वाला है।
एक दिन संता पप्पू को समझा रहा था। संता: बेटा मेहनत किया कर, मेहनत करने से कोई मर नहीं जाता। पप्पू: इसीलिए तो मैं मेहनत नहीं करता पापा, असली मज़ा तो उसी काम में है जिसमे जान का खतरा हो।
बंता: भाई, बकरे की जिंदगी बढ़िया है। संता: वो कैसे? बंता: अरे, एक बार कट गया और किस्सा खत्म। संता: क्या हुआ, भाभी वापस आ गयी क्या?
संता: मेरी एक बात हमेशा याद रखना! जिंदगी में कुछ मिले न मिले एक चीज़ हमेशा हक से मांग लेना! बंता: वोह क्या? संता: पानीपूरी खाने के बाद, सुखी पूरी!
संता: बैठ कर अपनी मेहबुबा की जुल्फों के सायें में ऐसा जोश आया! बंता: वाह वाह, फिर? संता: उसके पापा ने देख लिया और "आई.सी.यूं." में होश आया!
एक दिन संता लाईब्रेइयन से, "मुझे आत्महत्या करनी है, क्या आप मुझे आत्महत्या पर कोई अच्छी सी बुक दे सकते हो!" लाईब्रेइयन: नहीं बिल्कुल नहीं दे सकता, क्योंकि मुझे पता है आप मुझे वो वापस नहीं देंगे!