पठान ने मछली पकड़ी और घर आया तो देखा: ना गैस, ना आटा, ना बिजली और ना तेल। पठान वापस मछली को नदी में फेक आया। मछली चिल्लाई,"कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद, जिंदाबाद।"
एक लड़का (पठान से): मैं अगर चाहूँ तो तमाम पठानों को जन्नत से निकाल कर जहनुम में ला सकता हूँ! पठान: कैसे? लड़का: मैं जहनुम में नसवार की दुकान खोलूँगा!
पठान को एक अनजान नम्बर से मैसेज आया! उसने अपने सब दोस्तों से वो मैसेज पेपर पे लिखवाया, मगर क्यों? सबकी लिखावट मैसेज की लिखावट से मैच करने के लिये!
एक बार एक पठान साइकिल पर गुन गुनाता हुआ जा रहा था! रास्ते में उसने एक औरत को साइकिल से मार दिया! औरत: अंधे हो, क्या ब्रेक नहीं मार सकते थे? पठान: पूरा साइकिल मार दिया, अब ब्रेक मारने से क्या फायदा!
जो, एक गलती करे वो अनजान; जो, दो गलती करे वो नादान; जो, तीन गलती करे वो शैतान; जो, गलतियों पर गलतियाँ करे, वो पठान!
एक पठान सूखे दरिया में किश्ती चला रहा था! दूसरा पठान: ऐसे पठानों ने हमारा नाम खराब किया है, अगर मुझे तैरना आता तो जाकर उसे बहुत मारता!