बाला साहेब जाते वक़्त कसाब को ले गये और अब कलाम साहब याकूब को। ये कोई संयोग नही देश प्रेम है। . . . . . . दाऊद को भी लेकर आओ बहुत अहम नेता इंतज़ार कर रहे हैं।