ये जोक पढ़कर आप हँसते-हँसते मर सकते हैं: . . . . . . . . लेकिन, मुझे आपकी फ़िक्र थी इसीलिए नहीं लिखा, क्यों बेकार में जान जोखिम में डालना!
एक समारोह मे नेता जी भाषण दे रहे थे: हमें खुराक की समस्या के हल के लिए ज्यादा से ज्यादा अनाज ऊगाना चाहिए।" तभी एक शरारती उठ कर खडा हो गया और बोला: श्रीमान जी, घास उगाने के बारे मे आप का क्या विचार है? नेता जी उसे बैठाने का इशारा करते हुए बोले, "पहले मैं इंसानों की खुराक के बारे में बता लूं, तुम्हारी खुराक के बारे में बाद में बताऊंगा"।
नज़र से नज़र मिला कर तो देखो; किसी को अपना बना कर तो देखो; मिलना चाहेंगे सब लोग आप से; . . . . . . . दिन में एक बार नहा कर तो देखो।
बड़ी मुद्दत बाद आज फ़ोन पर उसकी आवाज़ सुनी तो दिल ने धड़कते हुए कहा, . . . . . . . जल्दी याद कर कमीने कौन सी वाली है।
लोग कहते हैं कि अगर अच्छे लोगों को याद किया जाये तो वक़्त भी अच्छा गुज़रता है; इसलिए मैंने सोचा कि... . . . . . . . . आपको अपनी याद दिल दूँ।
जब से तुम्हें देखा है, मेरा रात को दिन को सुबह को शाम को सोते वक़्त जागते वक़्त बस हर वक़्त . . . . . . हँस-हँस के बुरा हाल है।