सपना हैं आँखों में मगर नींद नहीं है

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सपना हैं आँखों में मगर नींद नहीं है
दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन नहीं है
कैसे बयाँ करें हम अपना हाल-ए-दिल
जी तो रहें हैं मगर ये ज़िंदगी नहीं है

This is a great आँखों का काजल शायरी. If you like शायरी आँखों की then you will love this. Many people like it for नींद नहीं आती शायरी.

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