अपने घर की खिड़की से मैं आसमान को देखूँगा

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अपने घर की खिड़की से मैं आसमान को देखूँगा
जिस पर तेरा नाम लिखा है उस तारे को ढूँढूँगा
तुम भी हर शब दिया जला कर पलकों की दहलीज़ पर रखना
मैं भी रोज़ एक ख़्वाब तुम्हारे शहर की जानिब भेजूँगा

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