चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ SHARE FacebookTwitter चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँतेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँनशात = ख़ुशमहव-ए-यास = दुःख में खोनMore SHARE FacebookTwitter Tagsउदास शायरी Fb