​याद आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं​

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​याद आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं​;
देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं​;
अब न पाने की तमन्ना है न है खोने का डर​;
जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं​

This is a great तुम्हारी खूबसूरती शायरी. If you like तुम्हारी याद शायरी then you will love this.

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