कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलेंआये हैं तो फिर गली में से पत्थर ही ले चलेंरंज-ए-सफ़र की कोई निशानी तो पास होथोड़ी-सी ख़ाक-ए-कूचा-ए-दिलबर ही ले चलें
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