उम्र-ऐ-जवानी फिर कभी ना मुस्करायी बचपन की तरह

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उम्र-ऐ-जवानी फिर कभी ना मुस्करायी बचपन की तरह
मैंने साइकिल भी खरीदी, खिलौने भी लेके देख लिए

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