बगैर जाने-पहचाने इक़रार ना कीजिये

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बगैर जाने-पहचाने इक़रार ना कीजिये
मुस्कुरा कर यूँ दिलों को बेक़रार ना कीजिये
फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी
हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये

This is a great तेरे बगैर शायरी.

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