अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे

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अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे
तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब कर मर जाने दे
ज़ख्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको
सोचता हूँ कहूँ, फिर सोचता हूँ कि छोड़ जाने दे

This is a great अपनी पहचान शायरी. If you like आँखों का काजल शायरी then you will love this. Many people like it for शायरी आँखों की.

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