जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तिहान न रहाइंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहाहै कोई बस्ती, जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने काआशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा।
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