ये देश उस दिन फिर से सोने की चिङिया होगा जिस दिन हर भारतीय कुछ भी करने से पहले ये सोचे कि मैं जो कर रहा हूँ वो मेरे देश के हित में है या नहीं निजी हित को छोङकर राष्ट्रहित की भावना होनी चाहिये सोचो की जो मैं कर रहा हूँ उस से कहीं मेरे देश के लोगों को नुकशान तो नही