लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैं SHARE FacebookTwitter लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैंकभी सूखा किनारा रहा होता एक सजदा सहारा रहा होताMoreThis is a great सजदा पर शायरी. If you like किनारा शायरी then you will love this. Many people like it for लहरें शायरी. Share it to spread the love. SHARE FacebookTwitter Tagsसजदा पर शायरी, किनारा शायरी, लहरें शायरी