रहते थे कभी जिनके दिल में हम अज़ीज़ों की तरह SHARE FacebookTwitter रहते थे कभी जिनके दिल में हम अज़ीज़ों की तरहबैठे हैं हम आज उनके दर पे फकीरों की तरहMore SHARE FacebookTwitter Tagsअज़ीज़ शायरी