मेरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर' SHARE FacebookTwitter मेरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर'ज़माना अपने लिए होशियार कैसा हैMoreThis is a great किसी की चाहत शायरी. If you like मेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for मेरी जिंदगी शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsयार शायरी Facebook