​ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की

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​ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था
हमारी आदत छूट गयी मनाने की

This is a great जाने वाले शायरी.

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