ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की SHARE FacebookTwitter ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने कीअब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने कीतुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ थाहमारी आदत छूट गयी मनाने कीMoreThis is a great जाने वाले शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsछूट की शायरी