वो, जिनके घर मेहमानों का आना-जाना होता हैउनको घर का हर कमरा हर रोज़ सजाना होता हैजिस देहरी की क़िस्मत में स्वागत या वंदनवार न होंउस चौखट के भीतर केवल इक तहख़ाना होता है
This is a great अतिथि स्वागत शायरी. If you like मेहमान स्वागत शायरी then you will love this. Many people like it for रोज़ डे शायरी. Share it to spread the love.