भरे बाज़ार से अक्सर मैं ख़ाली हाथ आता हूँ

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भरे बाज़ार से अक्सर मैं ख़ाली हाथ आता हूँ
कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते

This is a great अक्सर शायरी.

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