किसको दोष लगाएं अपनी बरबादी का हम

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किसको दोष लगाएं अपनी बरबादी का हम
इश्क़ की राहों में हम खुद ही गुनाहगार हैं
जो लम्हें बिताये थे साथ मिलकर कभी
आज वही लम्हें मेरे सितमगर हैं।

This is a great अपनी पहचान शायरी.

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