रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिए SHARE FacebookTwitter रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिएशराब पीता हूँ मैं तुझको भुलाने के लिएक्यों न बन सकी तुम मेरी ज़िंदगीआज भी रोता हूँ सोच कर गुज़रे ज़माने के लिएMoreThis is a great रौशनी पर शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsरौशनी पर शायरी