जो तेरी मुंतज़िर तीन वो आँखें ही बुझ गई SHARE FacebookTwitter जो तेरी मुंतज़िर तीन वो आँखें ही बुझ गईअब क्यों सजा रहा है चिरागों से शाम कोMoreThis is a great आँखें शायरी २ लाइन. If you like तेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for तेरी खूबसूरती शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsआँखें शायरी २ लाइन