हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते हैं

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हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो गम मिलते हैं
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं

This is a great ताल्लुक शायरी.

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