खुशबु की तरह साथ लगा ले गयी हम कोकूचे से तेरे बाद-ए-सबा ले गयी हम कोपत्थर थे कि गौहर थे अब इस बात का क्या ज़िक्रइक मौज बहर-हाल बहा ले गयी हम कोशब्दार्थबाद-ए-सबा = सुबह की ठंडी हवगौहर = मोत
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