दोस्ती जब किसी से की जाये तो दुश्मनों की भी राय ली जायेमौत का ज़हर है फिज़ाओं में अब कहाँ जा कर सांस ली जायेबस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ कि ये नदी कैसे पार की जायेमेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे हैं आज फिर कोई भूल की जाये
This is a great दोस्ती शायरी 2 लाइन. If you like दोस्ती शायरी 2017 then you will love this. Many people like it for दुश्मनों की शायरी. Share it to spread the love.