​फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते है

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​फिर नहीं बस्ते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते है;
क़ब्रें जितनी भी संवारो वहाँ रौनक नहीं होती

This is a great रौनक शायरी.

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