ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना SHARE FacebookTwitter ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्नाथी आरजू तेरे दर पे सुबह-ओ-शाम करेंग़म-ए-हयात = ज़िन्दगी का ग़More SHARE FacebookTwitter Tagsजिन्दगी की शायरी