दिल पे तन्हाई के सियाह अब्र छाने लगे हैं SHARE FacebookTwitter दिल पे तन्हाई के सियाह अब्र छाने लगे हैंतेरे ग़म की लगता है बरसात होने वाली है SHARE FacebookTwitter Tagsमेरी तन्हाई शायरी