ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हम SHARE FacebookTwitter ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्कों मिलने के नहीं नायाब हैं हमजो याद न आए भूल के फिर ऐ हम-नफ़सो वो ख़्वाब हैं हम SHARE FacebookTwitter