कभी तो मायके जाओ ना बीवी। सुख का आभास कराओ ना बीवी। साथ रह-रह कर अब पक चुके हैं। बातें सुन-सुन

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कभी तो मायके जा
ना बीवी
सुख का आभास करा
ना बीवी
साथ रह-रह कर अब प
चुके हैं
बातें सुन-सुन कर अ
थक चुके हैं
सुकून कुछ मुझे भी दिलाओ ना बीवी
कभी तो मायके जाओ ना बीवी
पार्टियों में जाने का दिल करता है
ठंडे शावर में नहाने का दिल करता है
देर से सोने का देर सউ
47 उठने का
चिल्लाकर गाने का दिल करता है
मेरी आजादी का दिन लाओ ना बीवी
कभी तो मायके जाओ ना बीवी
मेरे सपने सारे सुला दिए हैं
मेरे अपने सारे भुला दिए हैं
पुराने यार सब छुड़ा दिए हैं
सब रिश्ते-नाते तुड़वा दिए हैं
ससुराल से भी तुड़वाओ ना बीवी
कभी तो मायके जाओ ना बीवी
कभी तो मायके जाओ ना बीवी

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