बेटी सिर्फ बेटी नही होतीआने वाले कल की तस्वीर होती हैबेटी को बोझ ना समझोबेटी तो रब की नजीर होती हैबना देती है न जाने कितने रिश्तेबेटी तो रिश्तो की जंजीर होती हैएक मे पैदा होकर दूजे की हो जातीबेटी दो कुलों की तकदीर होती हैदुःख सहकर भी सुख देती हबेटी ही खुशियों की जागीर होती हैअथाह प्यार और समर्पण है जिसमेएक बेटी ही बाप का गरूर होती है।