ज़िंदगी से बस यही एक गिला है

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ज़िंदगी से बस यही एक गिला है
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है

This is a great गिला शिकवा शायरी.

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