मैं सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे SHARE FacebookTwitter मैं सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ देकब्र पर मेरी तु उसके साथ आना छोड़ देहो सके गर तु खुशी के अश्क पीना सीख लेया तु आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे।MoreThis is a great छोड़ दिया शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsछोड़ दिया शायरी