हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं SHARE FacebookTwitter हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैंमगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकलेMoreThis is a great दो लफ्ज़ शायरी. If you like लफ्ज़ शायरी इन हिंदी then you will love this. SHARE FacebookTwitter Tagsदो लफ्ज़ शायरी, लफ्ज़ शायरी इन हिंदी