फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की

SHARE

फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की
निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की
तुम भी छोड़कर चले गए हमें
अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की

This is a great शायरी किसे कहते है. If you like शायरी किसे कहते हैं then you will love this.

SHARE