ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहीं SHARE FacebookTwitter ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहींदिल वो पैमाना है जो कभी भरता ही नहींMoreThis is a great पैमाना शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsपैमाना शायरी