हर एक मजर पर उदासी छाई है

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हर एक मजर पर उदासी छाई है
चाँद की रोशनी में भी कमी आई है
अकेले अच्छे थे हम अपने आशियाने में
जाने क्यों टूटकर आज फिर आपकी याद आई है।

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