उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर

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उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर
बीते हुए लम्हों को तू याद न कर
एक कैद परिंदे ने ये कहा हम से.
मैं भुल चुका हूं उड़ना मुझे आजाद न कर !

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