किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दीहमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दीजो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दोज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी
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