मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है

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मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है
ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है
फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी
क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है

This is a great इजहारे मोहब्बत शायरी. If you like मेरा बचपन शायरी then you will love this. Many people like it for मेरा नसीब शायरी. Share it to spread the love.

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