मैं सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे

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मैं सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे
कब्र पर मेरी तु उसके साथ आना छोड़ दे
हो सके गर तु खुशी के अश्क पीना सीख ले
या तु आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे।

This is a great छोड़ दिया शायरी.

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