तेरे पास में बैठना भी इबादत SHARE FacebookTwitter तेरे पास में बैठना भी इबादततुझे दूर से देखना भी इबादतन माला, न मंतर, न पूजा, न सजदातुझे हर घड़ी सोचना भी इबादतMore SHARE FacebookTwitter Tagsमाली शायरी