हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम SHARE FacebookTwitter हुस्न और खुशबु का सबब हो तुमऐसा खिलता हुआ गुलाब हो तुमतुम जैसा हसीन न होगा इस जहाँ मेंतमाम हसीनों में लाजवाब हो तुम SHARE FacebookTwitter
इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी; ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी;.......Read Full Shayari