वो इत्र-दान सा लहजा मेरे बुज़ुर्गों का SHARE FacebookTwitter वो इत्र-दान सा लहजा मेरे बुज़ुर्गों कारची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बूMore SHARE FacebookTwitter Tagsउर्दू शायरी इन हिंदी