सुबह शाम तेरी चाहत करूँ

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सुबह शाम तेरी चाहत करूँ;
तुझसे ना कभी कोई शिकायत करूँ;
तेरे हसीं लबों पे यूं ही मुस्कान बरक़रार रहे सदा;
मुझमे समाये रहो मेरी धड़कन बनकर;
चाहकर भी तुझको खुद से जुदा ना करूँ।
सुप्रभात!

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