ना कर आसमान की हसरत ज़मीन की तालाश कर SHARE FacebookTwitter ना कर आसमान की हसरत ज़मीन की तालाश कर; सब है यहीं कहीं और ना इसकी आस कर; पूरी हो अगर हर आरज़ू तो क्या मज़ा है; अगर जीना है तो एक हसीन वजह की तालाश कर।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message